दिमाग पे भार दिल बिमार
कोरोना महामारी के बाद अन्य तनाबो का असर सीधा दिमाग पर पड़ता है | मानसिक तनाब में बृद्धि का मुख्य कारण लोगो का आपस में न मिलना बितीय संकट या अन्य परेशानी अदि |
इससे सोभाब अदि मेंपरिबर्तन ,चिड़चिड़ापन ,छोटी छोटी बातो में गुस्सा करना ये भी आम लोगो के जीबन में बहुत असर डाल रहा है |
और इसका सीधा असर हमारे ह्रदय पर पड़ रहा है | इसका मतलब हम कह सकते हे दिमाग पर पड़ने बाला असर हमारे दिल को बीमार करता है |
संभाबित लक्छण
इसके लक्छणो में छाती में दर्द ,सास फूलना ,चक्कर ब पसीना आना ,बीपी का लो होना ,जी घबराना , जांच होने पर फेपड़ो में पानी भर जाना जिसे पल्मोनरी एडमा कहते है |
हार्ड अटेक से कैसे अलग हे यह बीमारी
इसमें हार्ड अटेक जैसे लक्छण होते है | लेकिन सामान्य आदमी इसमें अंतर नहीं कर पाता |
तुरंत ही डॉ को दिखाय | सामान्यतः हार्ड अटेक में ब्लड बेसेल्स में ब्लॉकेज होता है | लेकिन ब्रोकन हार्ड सिंड्रोम में वेसल्स किसी तरह का कोई ब्लॉकेज नहीं पाया जाता है |
महिलाओ में ज्यादा आशंका
पुरषो की तुलना करे तो स्ट्रेश कार्डियोमायोपैथी महिलाओ में अधिक होता है | जिन महिलाओ की उम्र 50 बर्ष से अधिक है | उनमे यह समस्या ज्यादा होती है | हेड इंजरी या मिर्गी के मरीजों में इनकी आशंका ज्यादा होती है |
कम उम्र में भी समस्या
एक अनुमान के मुताबिक 50 से कम उम्र के 25 प्रतिसत पुरुष और 16 प्रतिशत महिलाओं में ब्लड प्रतिशत ज्यादा पाया जाता है |
जांच और इलाज
शुरुआत में हार्ड डिसीज हर मरीज की ecg होती हे | जरूरत पड़ने पर ब्लड टेस्ट जैसे कार्डियक माक्र्स इकोकार्डियाग्राफी कराते है इससे ब्लॉकेज होने पर सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती है | कुछ दबाइयो से ही आराम मिल जाता है |
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