पीरियड के दर्द को कम कैसे करें ,


पीरियड के दर्द को कम कैसे करें , 






आज हम बात करने जा रहे महामारी या पीरियड में जो दर्द होता हे उसके बारे में बात करने जा रहे है। 

पीरियड में दर्द क्यों होता है,

महामारी में जो दर्द हो है 60 से 80 % महिलाओ में होता है। जिसके बाद महिलाए ज्यादा परेशान हो जाती है। कुछ महिलाए इस पीरियड्स के दर्द को नजरअंदाज कर देती है।और सोचती हे यह अपने आप ठीक हो जाएगा ,लेकिन ऐसा नहीं है लेकिन ऐसा नहीं हमें डॉ कि राय कि जरूरत पड जाती है। 

अक्सर हमने देखा है महामारी जो दर्द होता है जिसे डॉ भासा में डिसमेनोरिया कहते है और यह दो प्रकार का होता है। 

प्राथमिक डिसमिनोरिया 

सेकण्डरी डिसमिनोरिया 

प्राथमिक डिसमेनोरिया जैसे की शब्दो से ही पता चलता है। ये उन लड़कियों में होता हे जिन्हे पीरियड्स कि शुरुआत होती है जो यंग लड़किया है या जो स्कूली लड़किया है इन्हे महिने के एक दो दिन पहले से आना शुरू हो जाते है। और महीने के साथ दो दिन बाद बंद हो जाते है। 

प्राथमिक डिसमेनोरिया  में लड़कियों को जो अक्सर दर्द होता है बो पेट के निचले भाग में कमर में या जांघो में और पेरो में होता है। इसके रहते लड़कियों का जी घबराना पेट ख़राब होना चककर आना इस तरह के सिनटम भी होते है। 

सेकेंडरी डिसमेनोरिया उन ओरतो के age ग्रुप में होता है जिनकी उम्र 25 से 35 साल कि उम्र हैऔर यह महिने के बीच के समय से होकर महिने के आने के बाद में ठीक हो जाता है। 

इसके बहुत सारे कारण है एक कारण तो  एंडोमेट्रिओसिस है दूसरा जिसको आम भासा में कहते हे पेट में सूजन या बच्चे दानी में सूजन ,तीसरा कारण बच्चे दानी में गाठ भी हो सकते है। इनके कारण को पता लगाना बहुत जरुरी हो जाता है। 

सेकेंडरी डिसमेनोरिया में ओरतो को अक्सर महामारी में दर्द के साथ में सफेद पानी आने कि शिकायत या पेट में दर्द होने की सिकायत अधिक रक्त सिराप होने कि शिकायत या फिर सेक्स के दौरान पेन होने कि भी परेशानी होती है। इसके लिए उनको डॉ कि सलाह लेना जरुरी है और कुछ टेस्ट कराने जरुरी होते है। 

अब हम कारण कि बात करते हे जो दर्द है बह किस कारण से होता है। 

अक्सर यह देखा गया हे जो हार्मोन होता है ओरतो में जिसका नाम है प्रोस्टाग्लैंडीन जो यह बढ़ जाता हे तो उसकी बजह से तो किसी औरत में ज्यादा दर्द और किसी औरत में कम दर्द की परेशानी ा जाती है। 

ज्यादातर यह देखा गया है उन लड़कियों में देखा गया हे जो इमोशनली ज्यादा वीक है , या जो ज्यादा स्ट्रेस में आ जाती है जो ब्यायाम कम करती है। तो इसका उपचार करना भी बहुत जरुरी हो जाता है। 

अब हम उपचार की बात करें 

प्राथमिक डिसमेनोरिया में ज्यादा उपचार कि जरूरत नहीं पड़ती है , ज्यादातर यह दर्द समय के साथ अपने आप ही ठीक हो जाता है जिन लड़कियों कि डेलबरी हो जाती है डेलबरी के बाद दर्द में काफी कमी आ जाती है। 

लड़कियों की डॉ की सलाह होती है बो बियाम करें वॉक करें।  और जो नार्मल दिनचर्या है उसका पालन करें।

अक्सर उनकी मताय घबरा जाती है और स्कूल न जाने कि सलाह देती है। इस दर्द के दौरान तला भुना खाना ,मिर्च मसाला मिर्च से परहेज करना चाहिए। अधिक मात्रा में पानी को पीना चाहिए।  पेट की सिकाई भी कर सकते के गर्म पानी के साथ उससे भी आराम मिलेगा। 

इसके अलाबा जिन लोगो  को ज्यादा परेशानी या दर्द कि समस्या बन जाती है 

कुछ ज्यादा दबाईया जिनको डॉ रिकॉमेंट करते है। 

जैसे  meftal spas 

   drotin ds 

brufin 

इस तरह कि दबाई ले सकते हे. 

और ज्यादा दर्द निबारक़ दबाई लेने से महिलाओ   को परेशानी हो सकती है।  

डॉ कि सलाह  पर ही दबाइयो का सेबन करें।  

  

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